बाबा साहेब डॉo भीमराव आंबेडकर की सही फ़ोटो जिसमें उंगली संसद की ओर इशारा कर रहीं हैं ।
युवा काफिला, भोपाल-
बाबा साहेब डॉo भीमराव आंबेडकर महान की मूर्ति में इशारा करती उंगली का महत्व क्या है आइये समझें
बाबा साहेब डॉo भीमराव आंबेडकर की गलत फ़ोटो जिसमें उंगली ऊपर की ओर इशारा कर रहीं हैं ।
आजकल भारतरत्न डॉ भीमराव आंबेडकर की यह फोटो सोशल मीडिया से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में दिखाई जा रही हैं । आखिर इसी फोटो का उपयोग प्रचार-प्रसार में क्यों किया जा रहा हैं । तो आइये जानतें हैं इसे एक कहानी के माध्यम से -
एक बार एक लड़का अपने पिता के साथ डॉ भीमराव आंबेडकर जयंतीे की भव्य रैली में गया । वापस घर आने पर अपने पापा से प्रश्न पूछने लगा ।
लड़का : पिताजी, बाबा साहेब हमेशा सूटबूट में ही क्यों रहते थे ?
पिताजी : बेटा, क्योंकि बाबा साहेब ने बचपन में ही वो कड़वी यातनाएं झेली थीं जब उन्हें शाला में पानी पीने के लिए भी किसी सवर्ण जाति के शिक्षक अथवा चपरासी पर निर्भर रहना पड़ता था क्योंकि कोई अछूत अपने हाथ से पानी नहीं ले सकता था । जब वे पढ़-लिखकर भारत वापस आए तब भी स्थिति वैसी ही थीं। तब जाकर उन्होंने भारत में समाज सुधार का कार्य किया ।
उन्हें लगता था कि मेरा समाज भी अच्छे कपडे पहने, यदि मैं सुटबुट में रहूंगा तो मेरा समाज मुझसे प्रेरणा लेकर और मुझे आदर्श मानकर खुद भी सूटबूट पहनेगा।
लडका : ठीक है पिताजी, आज से मैं भी सूटबूट में ही रहूंगा।लड़का : अच्छा पिताजी बाबा साहेब के जेब में हमेशा पेन क्यों रहता था ?
पिताजी : बहुत अच्छा प्रश्न पूछा बेटा !
कलम होने का मतलब है शिक्षित होना ही सबसे जरूरी काम है। अरे वो सिर्फ कलम (पेन) नहीं पीड़ितों शोषित, लोगों को गुलामी से मुक्त करने की वह आधुनिक तलवार है। उसी कलम से बाबा साहेब ने आगे चलकर भारतीय संविधान लिखा ।
लड़का : पिताजी मैं भी आज से अपनी जेब में कलम लगाऊंगा और खूब पढ़ाई करूँगा।
लड़का : पिताजी मैं आपसे आखरी प्रश्न पूछ रहा हूँ ।
प्रश्न : क्या बाबा साहेब ने उंगली कहा दिखाई और उनके हाथ में कौन सी किताब हैं ?
पिताजी : बहुत अच्छा बेटा, बहुत सटीक और तर्कपूर्ण प्रश्न पूछा हैं आपने ।
बेटा उनके हाथ में जो किताब है उसका नाम है ” भारतीय संविधान ” हैं। इस संविधान से भारत देश चलता है, इसी संविधान से सभी को समता, स्वतंत्रता,न्याय और बन्धुत्वता को बल मिलता है।
आजकल भारतरत्न डॉ भीमराव आंबेडकर की यह फोटो सोशल मीडिया से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया में दिखाई जा रही हैं । आखिर इसी फोटो का उपयोग प्रचार-प्रसार में क्यों किया जा रहा हैं क्योंकि इस फोटो में बाबा साहेब की उंगली ऊपर हैं । बाबा साहेब ने कभी भी उंगली ऊपर नहीं दिखाई यह तो भ्रामक प्रचार करने वाले समूह की कारस्तानी हैं जो इस फोटो को प्रचारित कर रहे हैं।
बाबा साहेब ने कहा कि -
शिक्षित करों (Educate), आंदोलित करों ( Agitate) , संगठित करों (Organise).
डॉ बाबा साहब ने जो उंगली दिखाई है उसका मतलब हैं -
”तुम ही इस देश के शासक हो"
जाओ पहले इस संविधान में दिए अपने कर्तव्यों और अधिकारों को जानों और फिर अपने में से योग्य व्यक्ति को संसद भेजो जो आपके हक और अधिकारों को उठा सके । अगर इस संविधान को सही मायने में अमल में लाना है तो योग्य लोग संसद में आने चाहिए, वह उंगली से यह संबोधन करते हैं कि अपने भले के लिए स्कूल, कॉलेज और संसद में जाओ।
लड़का : धन्यवाद पिताजी, मैं भी बाबा साहेब के विचारों पर चलूंगा और इस देश का शासनकर्ता जमात बनकर बहुत आगे ले जाऊंगा।
वैसे तो बाबा साहेब ने कहा है-
मेरी जय-जयकार करने की अपेक्षा, मेरे बताए हुए मार्ग का अनुसरण करें
"मोरल ऑफ़ द स्टोरी"
अगर इसी प्रकार प्रत्येक पिता, अपने बच्चे को बाबा साहेब के बारे समझाये तो वह दिन दूर नहीं, जब संसद क्या, सम्पूर्ण विश्व में बाबा साहेब के बच्चे अपना नाम रोशन करेंगे और हर पिता से यही उम्मीद की जानी चाहिए कि लॉक डाउन के इस छुट्टियों के दौर में अपने बच्चों को बहुजन महापुरुषों का साहित्य अवश्य पढ़ने के लिए कहे ।